Jan 242009
 

ॐ जय शिव ॐकारा, स्वामी हर शिव ॐकारा

ॐ जय शिव ॐकारा, स्वामी हर शिव ॐकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॥

जय शिव ॐकारा ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे

स्वामी पंचानन राजे ।

हंसासन गरुड़ासन वृष वाहन साजे ॥

जय शिव ॐकारा ॥

दो भुज चारु चतुर्भुज दस भुज से सोहे

स्वामी दस भुज से सोहे ।

तीनों रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय शिव ॐकारा ॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी

स्वामि मुण्डमाला धारी ।

चंदन मृग मद सोहे भाले शशि धारी ॥

जय शिव ॐकारा ॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगे

स्वामी बाघाम्बर अंगे ।

सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे ॥

जय शिव ॐकारा ॥

कर में श्रेष्ठ कमण्डलु चक्र त्रिशूल धरता

स्वामी चक्र त्रिशूल धरता ।

जगकर्ता जगहर्ता जग पालन कर्ता ॥

जय शिव ॐकारा ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका

स्वामि जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर में शोभित यह तीनों एका ।

जय शिव ॐकारा ॥

निर्गुण शिव की आरती जो कोई नर गावे

स्वामि जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी मन वाँछित फल पावे ।

जय शिव ॐकारा ॥

Print Friendly, PDF & Email
 Tagged with:

 Leave a Reply

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

(required)

(required)

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.